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घर / मंजरी श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
मुझसे पूछा उन्होंने कहां हो...?
मैंने कहा घर में
किस घर में?
तुम्हारे तो बहुत सारे घर हैं
उन्होंने यह पूछा
तो पहली बार मुझे लगा कि
सचमुच जो औरत वेश्या बन जाती है
उसका अपना कोई घर नहीं होता
रोज़ उनके घर बदलते रहते हैं
जैसे घर न हो
रोज़ नया आदमी हो!