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चुनाव और सरकार / बसंत त्रिपाठी
Kavita Kosh से
सड़कें सुधर रही हैं शहर की
कोलतार की परतें बिछ रहीं
पानी दो बखत
बिजली भी बरोबर
और तो और
जन-प्रतिनिधि भी हर हमेशा पड़ते दिखाई
लगता है
चुनाव नज़दीक है
और सरकार
ख़तरे में है।