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जड़ें / चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
हवाएँ तेज़ चलेंगी
बेशक तेज़ बहुत तेज़
तुम्हे उड़ा ले जाने को आमादा
पर तुम अपनी जड़ों को
मिट्टी में ज़ोर से दबाए रखना
तुमसे ही जुड़ी हैं कई शाखाएँ
शाखाओं में लगे हैं
अनगिनत पत्ते
फल और फूल