भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जादू-टोना / देवेन्द्र आर्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जिसको प्यार संजोना आए,
उसको जादू टोना आए ।

पत्थर मिटटी हो सकता है,
तुमको अगर भिंगोना आए ।

बच्चा है, वह अपना बचपन,
डर लगता है खो ना आए ।

वो ही रिश्ता निभा सकेगा,
जिसको पीठ प धोना आए ।

आँसू का धँधा ऐसा है,
बालू बेचो सोना आए ।

ऐसे क्यों मिलती हैं खुशियाँ,
प्यार में जैसे रोना आए ।