भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जो हुआ उसपे मलाल करके / महावीर उत्तरांचली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो हुआ उसपे मलाल करके
क्या मिलेगा यूँ बवाल करके

कौन-सा रिश्ता बचा है भाई
बीच आँगन में दिवाल करके

ख़्वाब में माज़ी ने जब दी दस्तक
लौट आया कुछ सवाल करके

इस व्यवस्था ने ग़रीब को ही
छोड़ रक्खा है निढाल करके

वक़्त हैराँ है ज़माने से ख़ुद
एक पेचीदा सवाल करके