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टूटा तुझ से या किसी ने तोड़ डाला फर्क क्या / शिवशंकर मिश्र

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टूटा तुझ से या किसी ने तोड़ डाला, फर्क क्या
टूटना था दिल तेरा, क्या इस तरह, क्या उस तरह
जो बुलाते तुम न तो आतीं न क्या ये मुसीबतें
था यही हासिल, तेरा, क्या इस तरह, क्या उस तरह