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तरबूज / चार्ल्स सिमिह / मनोज पटेल
Kavita Kosh से
फलों के ठेले पर
धरे हुए
हर बुद्ध
हम खाते हैं हंसी
और थूक देते हैं दान्त ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल