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तस्वीर में मौजूद तितली / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
उसके पंख
स्त्री की इच्छाओं से बने हैं
रंग
स्त्री के स्वप्न से
उड़ान पर
पहरा है
अदृश्य पारदर्शी तलवारों का-
तस्वीर में मौजूद तितली
तस्वीर से बाहर आना चाहती है
देखिये
जरा गौर से देखिये
कोई स्त्री
मुक्ति का गीत गाना चाहती है ।