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तुम / संजय शाण्डिल्य
Kavita Kosh से
जैसे वेदों में साम
रामचरितमानस में राम
और महाभारत में गीता
जैसे संसृति में मानव
जैसे मानव में मन
और मन में हो ईश्वर
वैसे ही
मेरे जीवन में, प्रिये, तुम