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तुम्हारी आँखों में महल हैं / मुइसेर येनिया
Kavita Kosh से
तुम्हारी आँखों में महल हैं
जिनके दरवाज़े मेरे लिए खुलते हैं
तुम्हारे गहन वन
और हरे-भरे तहखानों में
चहचहाती चिड़ियाएँ हैं
एक स्त्री का स्पन्दित हृदय
हमेशा कबूतर की तरह जीता है
यदि यह आसमान तुम्हारा है जो ख़ारिज कर रहा है
तो इसे पार किया जा सकता है
नंगे पाँव
तुम्हारी आँखों में खड़े हैं
बरसों पुराने पेड़
प्रेरित कर रहे हो तुम
तुम्हारे हाथ
जिनमे उर्वरता है अन्न की
फ़ासला क्या है ..बल्कि हम खुद
प्यार करीब है ।