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दीवाली / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
फेनु दीवाली ऐलोॅ छै
माय नें घोॅर सजैलोॅ छै
जगमग-जगमग दीया छै
जेना मणि के कीया छै
घुर-घुर-घुर-घुरघुरिया छै
छुर-छुर-छुर-छुरछुरिया छै
पड़-पड़-पड़-पड़ फटाक-फटाक
छुटै पड़ाका झटाक-झटाक
लुक्का-पाती बड़का लेॅ
टिकरी-मिट्ठोॅ लड़का लेॅ
बाहर भेलै दलिद्दर आय
भीतर ढुकलै लक्ष्मी माय
सौंसे दुनियाँ झक-झक-झक
उलुवाँ देखै टक-टक-टक
डर्है अन्हार नुकैलोॅ छै
फेनु दीवाली ऐलोॅ छै ।