Last modified on 8 फ़रवरी 2014, at 16:28

दूसरा कदम / उमा अर्पिता

जीवन की राह में
आने वाले
समस्त नदी-नाले,
बीहड़ जंगल
गहरे विशाल समुद्र
पार करने
कितने मुश्किल हो उठते हैं,
एक छोटे-से कदम के लिए...!
मेरे दोस्त--
दूसरा कदम
गर साथ बढ़ाओ तुम
तो हम
बामन की भाँति
अपने कदमों से
माप लेंगे
समस्त--
धरती और आकाश...