ओळ साम्हूं
लाज ढकूं
दाझै पांखां
तकूं आभौ
आभौ ताकै
सूना खोड़!
तज मेघाळो
आव मुरधर आभै
देख निरत
धोरां रा
मन मोरिया
कीकर नाचै।
ओळ साम्हूं
लाज ढकूं
दाझै पांखां
तकूं आभौ
आभौ ताकै
सूना खोड़!
तज मेघाळो
आव मुरधर आभै
देख निरत
धोरां रा
मन मोरिया
कीकर नाचै।