धरती का छोर / सेरा टीसडेल / लाल्टू
धरती के साहिल हमारे हैं,
एकाकी तट जहाँ फल नहीं उगते, न फूल खिलते हैं,
बस हवा समन्दर की रूखी घास घण्टे दर घण्टे
बेरोक ला फेंकती है।
धरती के छोर पर इन वीरान जगहों के लिए
कोई हमसे न जलेगा, और किसी को न होगी परवाह
कि जहाँ रेत हमेशा समन्दर का अनचाहा प्यार लेती रहती है,
हम छोड़ जाएँगे अपने पैरों के खोए निशान।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : लाल्टू
और लीजिए अब पढ़िए मूल अँग्रेज़ी में यही कविता
World's End
The shores of the world are ours,
the solitary Beaches that bear no fruit, nor any flowers,
Only the harsh sea-grass that the wind harries
Hours on unbroken hours.
No one will envy us these empty reaches
At the world's end, and none will care that we
Leave our lost footprints where the sand forever
Takes the unchanging passion of the sea.