नया युनियन / अमरेन्द्र
पापा हमरोॅ बात सुनोॅ
एक युनियन नया बनाना छै
पप्पू ओकरोॅ लीडर होतै
नारौ खूब लगाना छै
संझकी रोजे भाषण होतै
पापा सबटा बात सुनोॅ
मम्मी रोॅ तानाशाही नै
चलतै आबेॅ हाथ मुनोॅ
कैन्हें दूध पिलैतै मम्मी
जों बुतरु नै चाहै छै
जत्तेॅ सहलै जाय छै बुतरु
ओत्तें सब्भैं साहै छै
दिनभर पढ़वे-लिखवे के ही
पापा-मम्मी शोर करै
ई अधिकार कैन्होॅ सद्दोखिन
बुतरु केॅ ही बोर करै
नारा नया लगैतै सब्भैं
परचो पोस्टर भी बँटतै
रूल मुताबिक बच्चा हरदममें
पापा सें नै डँटतै
भोरे-साँझे आपनोॅ साथें
बच्चै केॅ घुम्मावेॅ होतै
खाली पेन्सिल-स्लेटे नै
गुल्ली-लूडो भी लावेॅ होतै
बुतरु पास करै तेॅ खाली
चुम्मा पापा-मम्मी दै
पास करै पर पैसा-कुल्फी
पापा दै नै मम्मी दै
कल सें पैकेट मार्टन टाॅफी
लेमनचुस केॅ लानेॅ होतै
ऐतनै नै सब बुतरु केरोॅ
भीतरी मन केॅ जानेॅ होतै
झूठमूठ गुरु जी के डंडा
कब तक बच्चा खैतेॅ रहतै
बच्चा कुछ समझेॅ, नै समझेॅ
दिन भर लेशन रटतेॅ रहतै
खाक परीक्षा-फल होतै की
अच्छा, बोलोॅ बच्चा के
गार्जन के कनमोचरा-थप्पड़
कोन अंत छै गच्चा के
बुतरु पर है जोर-जुलुम केॅ
जेना हुवेॅ रुकवाना छै
पापा हमरोॅ बात सुनोॅ
एक युनियन नया बनाना छै
देखी लेलियै ई रस्ता केॅ
छोड़ी कोय नै चारा छै
जोर जुलुम के टक्कर में
संघर्ष सभै रोॅ नारा छै ।