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नीरव में रव हूँ मैं / उर्मिल सत्यभूषण

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हवा हूँ हवा मैं
नीरव में रव हूँ मैं
कलरव हूँ पंछियों में
पेड़ों की पत्तियों में
खेतों की बालियों में
सौरभ सुगंधियों में
मेरा ही वास है।
मेरा ही हास है
मेरे उल्लास को
दिल में उतार लो
बांहे पसार कर
मुझको स्वीकार लो
एक आवाज़ देकर
जीवन को साज देकर
मैं लौट जाऊंगी
बेजान चुप्पियों में गुनगुन
कर आऊंगी।