भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पप्पू खा लो चाऊमिन / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें
पप्पू, खा लो चाऊमिन,
फिर नाचो जी धा धिन-धिन।
डब्बू, खा लो रसगुल्ला,
फिर बोलो हल्ला-गुल्ला।
चिंकी, खा लो दूध-मलाई,
फिर खेलो छुआ-छाई।
चिनिया खाएगी जब रबड़ी,
बन जाएगी वह भी तगड़ी।
मुन्ना, खाएगा क्या डोसा,
पूछ रहे हें अपने मौसा।
पिंटू, पी लो यह ठंडाई,
अब करना मत झगड़ा भाई।