भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पहिया बदलना / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सड़क के किनारे बैठा हूँ.
ड्राइवर पहिया बदल रहा है।

मुझे पसन्द नहीं, जहाँ से आया ।
मुझे पसन्द नहीं, जहाँ मुझे जाना है ।

फिर क्यों उसे पहिया बदलते देखता हूँ
इतनी बेताबी के साथ?

1953
 
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य