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पा गए लोग बड़े पद प्यारे / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
पा गए लोग बड़े पद प्यारे।
इसलिए हो रहे गदगद प्यारे।
पीड़ितों की गली में सेवक जी,
आओ दौड़ो, करो मदद प्यारे।
मीटरों या गजों की बात नहीं
नाप लो इंच-इंच कद प्यारे।
सादगी, योग्यता, शराफ़त की,
हर जगह पिट रही है भद प्यारे।
आज दो मुफ़्त, और कल दो उधार,
फिर कभी बेचना नक़द प्यारे।
आत्मा पर यकीन करते हो,
हो गई आस्था की हर प्यारे।
है ये मुमकिन कि लूट नगरी में,
तुम भी पा जाओ कुछ शायद प्यारे।