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पून्यू-अमावस / सांवर दइया
Kavita Kosh से
पून्यूं पुरसै
सांगोपांग सिक्योड़ो फलको
आभो : धाप्योड़ो गोधो
नईं भावै तो ई
कोर-कोर
खावै तोड़-तोड़
पूरै पखवाड़ै
अमावस
आभै रै माथै बांधणजोगी
बा पुरसै पूरै पखवाड़ाडै
कोर-कोर
ओ मिजळो
कैवै राजी हो-हो’र-
कीं और… कीं और
……और
…… हां और !