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बताशे लाए दादा! / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
खीलें लाईं भाभीजी,
बताशे लाए दादा।
बमों को, पटाखों को है
कर दिया टाटा!
अब की दिवाली पर न
शोर हम करेंगे।
फट्टा-फटा-फट्ट से न
बोर हम करेंगे।
फुलझड़ी, अनारों का ही
लेंगे मज़ा ज्यादा।
छोटी-छोटी खुशियाँ ये
कल बड़ी होंगी,
एक लड़ी आज, कल
सत-लड़ी होंगी,
झूठ-मूठ का नहीं है
अपना ये वादा।