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बदलना ही होगा मुझे / असंगघोष
Kavita Kosh से
तू और तेरे देवता
नाप सकते हैं
तीन डग में
सारा ब्रह्माण्ड
और बना देते हैं
राजा से रंक
इस कथा का
ऐसा शौर्य बखान
और ऐसा कृत्य
सिर्फ तुम्हीं कर सकते हो
तीन डग में नपवा लेते हो
तीनों लोक
और छीनकर सब-कुछ
भेज देते हो पाताल
हमें डराने।
तेरे द्वारा छीनने, झपटने
और कारित हत्याओं की
ऐसी ही अनेक कथाएँ पाता हूँ
हर पन्ने पर
तुझे पढ़ते हुए
तू कभी बदलेगा
ऐसा लगा नहीं
बदलना
सिर्फ और सिर्फ
मुझे ही होगा...!