भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बहुत अच्छा लगता है / संगीता गुप्ता

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बहुत अच्छा लगता है
तुम्हारा साथ
ढेरों बातें करना चाहती हूँ
तुम से

जाने क्यों
मिलने पर
सब अनकहा रह जाता है

कितना मीठा है
जो कहा नहीं जाता
षायद
कहने से
मिठास जाती रहे

हमारे बीच
अनकहे को
यूँ ही रहने दो

चुप रह कर
हम
एक दूसरे से
बहुत बोलते हैं