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भाजी टोरे बर खेत-खार "औ" बियारा जाये / कोदूराम दलित

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भाजी टोरे बर खेत-खार "औ" बियारा जाये,
नान-नान टूरा-टूरी मन घर-घर के ।
केनी, मुसकेनी, गुंड़रु, चरोटा, पथरिया,
मंछरिया भाजी लायं ओली भर भर के ।।

मछरी मारे ला जायं ढीमर-केंवट मन,
तरिया "औ" नदिया मां फांदा धर-धर के ।
खोखसी, पढ़ीना, टेंगना, कोतरी, बाम्बी धरे,
ढूंटी-मां भरत जायं साफ कर-कर के ।।