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भानुपुर बाजत बिपुल बधा‌ई / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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 भानुपुर बाजत बिपुल बधा‌ई।
 आनँद-घन आनंदिनि कन्या कीरति रानी जा‌ई॥

 अति कमनीय रूप अतुलित सुचि प्रेम-सुधा-रस-वर्षी।
 अखिल जगत-जित बिस्व-बिमोहन मोहन-मन आकर्षी॥

 उदये भानु भानु-घर कोटिन दुति उज्ज्वल छिति छा‌ई।
 बिनस्यौ काम-कलुष तम कोटिन ससि सीतलता आ‌ई॥

 जाके दरसन कौं सुर-मुनि नित सकल लोक ललचावैं।
 सो‌इ हरिप्रिया कीर्ति क्रोड़हि ले हरषित हिय हलरावैं॥

 धन्य भ‌ए बृषभान सराहत भाग्य भुवन मुनि-ग्यानी।
 जिनके घर प्रगटीं हरि की हृदयेस्वरि राधारानी॥