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भूकम्प : कुछ कविताएँ-4 / सुधीर सक्सेना
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जब बुरा वक़्त आता है
तो बहुत कुछ बुरा होता है
मगर,
जब बहुत बुरा वक़्त आता है
तो जिन रास्तों से
गुज़रा था काफ़िला
उन्हीं रास्तों से
गुज़रती है मौत।