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मेह मातो / ओम पुरोहित कागद

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आभो ताकै
अटल रातो
मेह मातो
कुण बा’वै हळ
खेत में
कुण पुगावे भातो।

धरती बंजर
तन पिंजर
बादळ दिख्यां पांगरै
बादळ पण
नी लांघे हेमाळो
मोर भूलग्या
बरसाळो
कुंड उडीकै
बगतो परनाळो।