भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैंने लिखा नाम / निज़ार क़ब्बानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्यार करता हूँ जिसे
लिखा उसका नाम
हवा पर।
प्यार करता हूँ जिसे
लिखा उसका नाम
पानी पर।


लेकिन
हवा को सुनाई देता है कम
और पानी को
याद नहीं रहता कोई भी नाम।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह