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रेत (11) / अश्वनी शर्मा

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सर-सर बहती रेत को
रोकने की कोशिश की है कभी
प्रयास भर करते ही
ऊंची उठने लगती है
और ढंक लेती है
जो भी रोकता है उसे
सर-सर बहती रेत
बहती है
सर्वभक्षी काल-सी।