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लुटरेवन के बरियाती अइलउ / जयराम दरवेशपुरी

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आन्ही अइलउ पानी अइलउ
कउआ के बरियाती अइलउ
फह-फह बगुलवा
मिंझइले दीया-बाती अइलउ

घेरले हउ घरे-घर घुप्प रे अन्हरिया
झात्-झात् करे सगर गाँव रे शहरिया
गली-गली गिदड़न
बिलड़वन के पाँती अलउ

लोरे-झोरे मुँहमा पर झांपल गुदड़िया
झपटि के ले गेलउ तोर परसल थरिया
कने से लुचवन लंपटवन के नाती अइलउ

लहकल मनमां के
कत्ते खौंतावऽ हइ
पटना से दिल्ली तक
एकरे मुखौटवा हइ
दरकल छतिया पर
खुरफतिया के जाति अइलउ

बाहरी जुल्मी के अइंठल सब पेंचवा से
घरे घुरूआर करे तान-तान घेंचवा के
धरती पर बिहनाय सन
ई विश्वाघाती अइलउ

छल प्रपंच के धरऽ अब नरेटिया
सावधान, लूटे न´ कोय केकरो इजतिया
मेमना के खाल ओढ़
लुटेरवन के बरियाती अइलउ