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वह कौन / ब्रजेश कृष्ण
Kavita Kosh से
जिसे मैं जानता था अच्छी तरह
अक्सर हो ही जाती थी जिससे मुलाक़ात
और जिसे मैं कल ही मिला था
आज मिला-तो अचानक बूढ़ा लगा
मैंने कल तक नहीं देखी थी
उसके चेहरे की झुर्रियाँ
उसकी चाल की शिथिलता
उसकी बातों में घुली हुई उदासीनता
एक दिन में अगर कोई
पार नहीं कर सकता
उम्र के इतने बरस
तो कल तक
जिसे मैं जानता था अच्छी तरह
और जिससे अक्सर
हो ही जाती थी मुलाक़ात
वह कौन था?