भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक आदमी होता था / अजेय

82 bytes added, 05:41, 25 दिसम्बर 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=अजेय|संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<poem>पहले एक गोरेय्या गौरैया होती थी
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी इतना ऊँचा उड़ा
कि गोरेय्या गौरैया खो गई!
पहले एक पहाड़ होता था
.... पहले एक आदमी होता था.
04 मई 4, 2010. , कुल्लू
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,129
edits