भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
<sort order="asc" class="ul">
* [[यूं तो लोगों के बीच रहता हूँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]
* [[मिलती नहीं है चाल कोई मेरी चाल से / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]
* [[मौत इक दिखावा है मर के भी नहीं मरते / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]