भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ ! परी रूप तू

432 bytes added, 14:44, 26 जनवरी 2011
नया पृष्ठ: माँ ! परी रूप तू कहाँ हे तेरी वो जादू की छडी वो कलम! जो दे ज्ञान साक्…
माँ ! परी रूप तू
कहाँ हे तेरी वो जादू की छडी
वो कलम! जो दे ज्ञान साक्षरता का,
आरी तिरछी, रेखायौं की भाषा का,
चितरित पर्वत को कागज पर मैने पहचाना,
क्यूँ दूर रहा मुझसे रेखयों