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*[[हमने ने हर नए ग़म पर क़हक़हे लगाए हैं / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]
*[[तेरे वादों पे अब इस तरह गुज़र करना है / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]
*[[वो अपनी मुफ़लिसी जब भी छुपाने लगता है / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]*[[तेरे आने की जब ख़बर आई / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]*[[आज मज़लूम से ज़ालिम भी हिमायत सहायता माँगे / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]*[[जो पा चुका है उससे भी बेहतर तलाश कर / बिरजीस राशिद आरफ़ी]]
*[[/ बिरजीस राशिद आरफ़ी]]
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*[[/ बिरजीस राशिद आरफ़ी]]
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