भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उम्र / निवेदिता

No change in size, 22:34, 22 फ़रवरी 2011
नदियों को मापता हुआ
सूरज मेरे दामन में है
आंखों आँखों में चाँदनी
उम्र बेख़ौफ़ है ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,708
edits