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वसन्त / केदारनाथ अग्रवाल

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|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
|संग्रह=फूल नहीं, रंग बोलते हैं-1 / केदारनाथ अग्रवाल
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हिम के हत संकुचित प्रकृति अब फूली