भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साये में धूप / दुष्यंत कुमार

3,688 bytes removed, 07:21, 4 अगस्त 2014
|रचनाकार=[[दुष्यंत कुमार]]
|प्रकाशक=राधाकृष्ण प्रकाशन,7/31, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002
|वर्ष=जनवरी ०१, २००८
|भाषा=हिन्दी
|विषय=कविताएँ
|शैली=--ग़ज़ल
|पृष्ठ=64
|ISBN=978-81-7119-794-1
|विविध=--
}}
* [[भूमिका / साये में धूप / दुष्यंत कुमार]]
* [[आज सड़कों पर / दुष्यंत कुमार]]
* [[मेरे गीत तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगे / दुष्यंत कुमार]]
* [[आज वीरान अपना घर देखा / दुष्यंत कुमार]]
* [[वो निगाहें सलीब है / दुष्यंत कुमार]]
* [[बाएँ से उड़के दाईं दिशा को गरुड़ गया / दुष्यंत कुमार]]
* [[अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए / दुष्यंत कुमार]]
* [[ज़िंदगानी का कोई मक़सद नहीं है / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये सच है कि पाँवों ने बहुत कष्ट उठाए / दुष्यंत कुमार]]
* [[जाने किस—किसका ख़्याल आया है / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती / दुष्यंत कुमार]]
* [[तुमको निहरता हूँ सुबह से ऋतम्बरा / दुष्यंत कुमार]]
* [[रोज़ जब रात को बारह का गजर होता है / दुष्यंत कुमार]]
* [[बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं / दुष्यंत कुमार]]
* [[हालाते-जिस्म, सूरते—जाँ और भी ख़राब / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारो / दुष्यंत कुमार]]
* [[धूप ये अठखेलियाँ हर रोज़ करती है / दुष्यंत कुमार]]
* [[पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं / दुष्यंत कुमार]]
* [[एक कबूतर चिठ्ठी ले कर पहली—पहली बार उड़ा / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये धुएँ का एक घेरा कि मैं जिसमें रह रहा हूँ / दुष्यंत कुमार]]
* [[तुमने इस तालाब में रोहू पकड़ने के लिए / दुष्यंत कुमार]]
* [[लफ़्ज़ एहसास—से छाने लगे, ये तो हद है / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये शफ़क़ शाम हो रही है अब / दुष्यंत कुमार]]
* [[एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है / दुष्यंत कुमार]]
* [[बहुत सँभाल के रक्खी तो पाएमाल हुई / दुष्यंत कुमार]]
* [[वो आदमी नहीं है मुकम्मल बयान है / दुष्यंत कुमार]]
* [[किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम / दुष्यंत कुमार]]
* [[होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये / दुष्यंत कुमार]]
* [[मैं जिसे ओढ़ता—बिछाता हूँ / दुष्यंत कुमार]]
* [[अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार / दुष्यंत कुमार]]
* [[तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं / दुष्यंत कुमार]]