भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ज़िया फतेहाबादी |संग्रह= }}{{KKCatNazm}}<poem>दिल को दीवा दीवाना बनाना याद है
मस्तियाँ हर सू लुटाना याद है
सहन ए गुलशन में बसद हुस्न ओ जमाल