भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

राधा कृष्ण मिलन / सूरदास

36 bytes added, 14:25, 18 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
}} {{KKCatKavita}} {{KKAnthologyKrushn}}
हरि सौं बूझति रुकमिनि इनमैं को बृषभानु किसोरी ।<br>
बारक हमै दिखावहु अपने, बालापन की जोरी ॥<br>