भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=जगजीवन
}}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyMaa}}
[[Category:पद]]
<poeM>पावक सर्व अंग काठहिं माँ, मिलिकै करखि जगावा।