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नया पृष्ठ: अब ये भरथरी राहय ते रागी (हौव) किथे (हा) एक जानवर असन ह तो मोला चिन ड…
अब ये भरथरी राहय ते रागी (हौव)

किथे (हा)

एक जानवर असन ह तो मोला चिन डरिस (चिन डरिस)

मोर खातिर प्राण त्याग दिस (हौव)

चल अब ये गाँव के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई (हा)

ये आसपास के मन मोला चिन्थे की नई चिन्हई (हौव)

थोड़ा आगे चल के देखंव (देखंव)

जब आगे चल के देखत रइये तो किसान कोनों चिन्हई नहीं (हौव)

अब ये राजा भरथरी राहय तेन (हा)

आके अपन डेहरी में धूनी जमा के बइठ जथे (हौव)

– गीत –

सुमिरन करे गंगा माता के, गंगा माता के वो

झुकती ये मोहिनी मिसाली के

सुमिरन करे गंगा माता के, गंगा माता के वो

झुकती ये मोहिनी मिसाली के

टोपी रतन जड़ाय, हाथ ऐ खप्पर धराय

टोपी रतन जड़ाय, हाथ ऐ खप्पर धराय

येदे अंगे में भभूत लगावत थे, ये लगावत थे, भाई येदे जी

येदे अंगे में भभूत लगावत थे, ये लगावत थे, भाई येदे जी

भिक्षा देदे भोले माता वो, भोले माता के वो

योगी आए तोरे द्वारे मा

भिक्षा देदे भोले माता वो, भोले माता के वो

योगी आए तोरे द्वारे मा

चौकीदारे हा या, गारी देवय दीदी

चौकीदारे हा वो, गारी देवय दीदी

येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे, ये भगावत थे, भाई येदे जी

येदे योगी ला उंहा ले भगावत थे, ये भगावत थे, भाई येदे जी

– गाथा –

अब ये योगी ल रागी (हौव)

कोनों चिन्हय नहीं (हा)

आके गहरी धूनी जमा के बईठ जथे (बईठ जथे)

का पूछत हस वोला (हौव)

अंग में भभूत (हा)

टोपी रतन जड़ाय (हौव)

हाथ में खप्पर धराय (हा)

अब बोलथे माता, मोला भिक्षा दे (हौव)

मईया मोला भिक्षा दे (भिक्षा दे)

भिक्षा दे किथे तो ओकर घर में एक झन चौकीदार रिथे (हौव)

त वो चौकीदार काय किथे जानथस (हा)

– गीत –

का बनिया के ये हाट ऐ, येदे हाट ऐ योगी

का महाजने दुकान ऐ गा

का बनिया के दुकान ये, येदे दुकान ऐ योगी

का महाजन के हाट ऐ गा

गढ़ छप्पन के, राजा भरथरी ये

गढ़ छप्पन के, राजा भरथरी ये

ये ह ओकर द्वारे आए गा, येदे आए गा, भाई येदे जी

ये ह ओकर द्वारे आए गा, येदे आए गा, भाई येदे जी

– गाथा –

अब वो चौकीदार राहय तेन रागी (हौव)

एकदम गुस्सा होके योगी ला काहत हे (हा)

अरे ऐला का बनिया के हाट समझत हस

महाजन के दुकान समझत हस (हा)

ये छप्पनगढ़ राजा भरथरी के दुवार ऐ (दुवार ऐ)

अउ तोर जइसे योगी तो हजार ऐ नगरी मा फिरत रिथे (हौव)

चल इहां ले चल (हा)

भाग, अइसे किके ओला धक्का मार के निकालत रिथे रागी (हौव)

योगी राहय तेन उठय नहीं (हा)

मुच मुच, मुच मुच करत बइठे रिथे (हौव)

– गीत –

बोली बचन चौकीदारे हा, चौकीदारे हा वो

सुनले रानी मोर बाते ला

बोली बचन चौकीदारे हा, चौकीदारे हा या

सुनले रानी मोर बाते ला

तोर द्वारे में वो, एक योगी आहे

तोर द्वारे में वो, एक योगी आहे

वो ह भिक्षा ये मांगत हाबय वो, भाई येदे जी

वो ह भिक्षा मांगत हाबय वो, भाई येदे जी

बोली बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी ला वो

सुनले रानी मोर बाते ला

बोली बचन चम्पा दासी ला, चम्पा दासी ला वो

सुनले दासी मोर बाते ला

एकादशी के वो, मैं उपासे रहेंव

एकादशी के वो, मैं उपासे रहेंव

येदे लाखों करेंव मैं हा दाने ला, भाई येदे जी

मैं हा लाखों करेंव येदे दाने ला, भाई येदे जी

– गाथा –

अब ये चौकीदार जाके रागी (हौव)

रानी सामदेवी ल किथे (हा)

रानी (हौव)

एकझन तोर दुवार में योगी आए हे (योगी आए हे)

वो भिक्षा माँगत बईठे हाबय (हौव)

तब रानी सामदेवी चम्पा दासी ल किथे (हा)

दासी (हौव)

में अतका उपास करेंव (हा)

अतका पूजा पाठ करेंव (हौव)

भोलानाथ के पूजा करेंव (हा)

तभो ले मोर करतब में इही लिखे हे (हौव)

मोर करम में यही लिखे हे बहिनी (हा)

जा तहीं भिक्षा देके आ (हौव)

अब ये चम्पा दासी रहाय ते रागी (हा)

सुनत रा (हौव)

– गीत –

बारा हजार ये ब्राम्हन ला, येदे ब्राम्हन ला वो

दान करे हेबे रानी हा, येदे रानी हा वो

पूजा करे भोलानाथ के, भोलानाथ के वो

बाबा योगी ये हा आए हे, भाई येदे जी

राजा बोलथे वो, करले अमर राजा भरथरी

येदे काहथे वो, करले अमर राजा भरथरी

बाजे तबला निशान, करले अमर राजा भरथरी, भाई येदे जी

जा पहुंचे चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा वो

बाबा योगी के ये पासे ना, येदे पासे दीदी

दूसर द्वारे में जाबे ना, येदे काहत थे वो

चम्पा ये दासी हा आजे ना, भाई येदे जी

राजा बोलथे वो, करले अमर राजा भरथरी

येदे काहथे वो, करले अमर राजा भरथरी

बाजे तबला निशान, करले अमर राजा भरथरी, भाई येदे जी

बोले बचन मोर योगी ह, मोर योगी हा वो

सुनले दासी मोर बाते ला

काय डाका पड़े, तेला ये मोला बता देबे

ले बता दे बाई, भिक्षा मोला तें देवा देबे, भाई येदे जी

राजा बोलथे वो, करले अमर राजा भरथरी

येदे काहथे वो, करले अमर राजा भरथरी

बाजे तबला निशान, करले अमर राजा भरथरी, भाई येदे जी

– गाथा –

ये रानी सामदेवी राहय तेन रागी (हौव)

दुनों हाथ ल जोड़ के (हा)

काहत रिथे वही चम्पा दासी ला (हौव)

बहिनी (हा)

में बारा हजार ब्राम्हन ला (हौव)

अतका दान करेंव (हा)

भोलानाथ के में पूजा करेंव (पूजा करेंव)

ये बाबा योगी कहाँ ले टपक पईस (हौव)

मे एला भिक्षा कहाँ ले देवँव (हा)

जा दासी (हौव)

तहीं भिक्षा देके आजा (आजा)

चम्पा दासी राहय तेन (हा)

भिक्षा देबर निकलिस हे (हौव)

– गीत –

बोले बचन मोर दासी हा, मोर दासी हा वो

सुनले बाबा मोर बाते ला

बोले बचन मोर दासी हा, मोर दासी हा वो

सुनले बाबा मोर बाते ला

येदे भिक्षा लेबर, येदे काहय दासी

तुम भिक्षा लेवव, येदे काहय दासी

बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो, येदे लेवय वो, भाई येदे जी

बाबा भिक्षा ल नई तो लेवय वो, येदे लेवय वो, भाई येदे जी

– गाथा –

जब एक बार आथे रागी (हौव)

त किथे बाबा (हा)

तुमन भिक्षा माँगे ल आए हव (हौव)

जावव तुहंर धूनी ला उठावव (हा)

अउ इंहा ले चल देवव (चल देवव)

इंहा कोई जगा नई ये तुहर भिक्षा लेके (हौव)

अतक बड़ नगरी हे (हा)

हर जगा तें माँग सकत हस (माँग सकत हस)

अइसे कि के चम्पा दासी किथे (हौव)

राजा भरथरी ओला किथे, बाई (हा)

का तोर घर में डाका पड़े हे (हौव)

ते कोई लुटेरा आगे लुटे बर (हा)

का तुंहर घर में दुःख परे हे (हौव)

तेंमे मोला भिक्षा नई देवत अस (हा)

अइसे कि के राजा भरथरी राहय ते चम्पा दासी ला बोलथे (हौव)

जाके दासी (हा)

रानी सामदेवी ल बताथे (हौव)

रानी (हा)

वो तो धूनी ले उठबे नई करत ऐ (हौव)

भिक्षा लेबे नई करत ऐ (हा)

में कइसे ओला भिक्षा दऽव (हौव)

तब रानी सामदेवी किथे रागी (हा)

ले एकबार अउ जाके देख (हौव)

फेर वो भिक्षा देबर जाथे (हा)

तब किथे बाबा (हौव)

ले भिक्षा ले ले (हा)

फिर वही बात किथे, दासी (हा)

में तोर हाथ के भिक्षा नई लऽव (नई लेवंव)

लिहंव त मैं ये घर के (हा)

जो रानी हे, में ओकर हाथ से भिक्षा लेहूं (हौव)

– गीत –

बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा वो

अईठ के जावत हाबे ना

बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा या

अईठ के जावत हाबे ना

ये ह योगी नोहय, चंडाल ऐ वो

ये ह योगी नोहय, चंडाल ऐ या

ये ह भिक्षा नई तो लेवत ऐ, येदे लेवत ऐ, भाई येदे जी

येदे भिक्षा नई तो लेवत ऐ, येदे लेवत ऐ, भाई येदे जी