भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ग़ज़ल-5 / मुकेश मानस

766 bytes added, 14:07, 5 मई 2011
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> बारिश की पहली-पह…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>


बारिश की पहली-पहली फ़ुहार की तरह
मिले हो तुम हमें बहार की तरह

कहाँ थे अब तलक हमको मिले नहीं
हम ढूँढते थे तुमको, बयार की तरह

हमको कभी किसी से यूँ इश्क ना हुआ
तुम हो हमारे पहले प्यार की तरह

जबसे मिले हो अपनी नींद उड़ गई
आओ हमारी आँख में करार की तरह
2007
<poem>
681
edits