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यहां दृश्य टुकड़ोंवो रंग-टुकड़ों में बिखरे हुए हैंबिरंगे फूलों से लदी हुई नावएक-एक कण सभी को समर्पितथोड़े सामने से बादल हटते हैंगुजर रही थीदृश्य कुछ और हो जाता हैउसके नाविक ने हमें देखा तक नहींहवा चलती है जैसे हम सभी कोअपनी दुनिया में मग्नएक साथ समेट लेने कोनहीं थे इन फूलों के खरीददारमन और वो ले जा रहा था इन्हें बेचनेया सजाने किन्हीं बंगलों में इच्छा होती है वैसी आंखें मिल जाएंयह नाव नहीं थी कोई साधारणलग रही थी फूलों का एक गुलदस्ताजो सब धीरे-धीरे आगे बढ़ता हुआकुछ ले जाएं अपनी झोली में।देर जो हमारे बगल में सज कर रहाथोड़ी सी तस्वीरें खींची हुई मेरे पासअब सारी झील के बीच से गुजरता हुआएक पेड़ उसके नाविक की डालियों जितनी भरसफेद वेषभूषाऔर यहां तो हर क्षणकहीं बादल भी जा सकते हैं आप दूर-दूर तकआज वैसे ही घने सफेदवो भी पलक झपकाये बिनाजिनकी छाया का लिबास पहने झीलऔर भूल जाते हैं हमझील की मेज पर रखे हुए ये फूलकिस दूल्हन का मुखड़ा ढूंढ़ रहे हैं जैसे हम यहां।मिट्टी पर नहीं पानी के घर में हों।
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