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{{KKGlobal}}{{KKAnooditRachna|रचनाकार=वसंत जोशी |संग्रह= }}[[Category:गुजराती भाषा]]<poem>जानता हूं इस मिट्टी को
नहीं उपजाऊ-स्थल
नहीं मरुस्थल