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ख्वाब देखे हैं इश्तिहारों में
चंद सांसों की ज़िन्दगी अपनी
रोज रोज़ उड़ती है ये हवाओं में
बात इतनी हसीन मत करिए
चाँद आने लगा है ख्वाबों में