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Kavita Kosh से
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==रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'==
कविताकोश विश्व के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अपनी जिस प्राचीन धरोहर को हम प्रिंट माध्यम से सँजोने एवं लोगों तक पहुँचाने में असमर्थ थे; इस कोश के माध्यम से दूर–दराज़ तक पहुँचा सकेंगे एवं हिन्दी समझने वालों को जोड़ सकेंगे। इससे हिन्दी काव्य का फ़लक विस्तृत एवं व्यापक होगा।<br><br>
'''--[[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]'''<table width=100% border=1 cellpadding=10>
<tr><td style="width:150px" align=center>[[चित्र:Divik_ramesh.JPG|100px]]<br>'''[[दिविक रमेश]]'''</td><td valign=top>कविता कोश निस्संदेह हमारा अपना हिन्दी रचना जगत का एक जरूरी वेब जाल हॆ । शुभकामनाएं ऒर बधाई
</td></tr>
<tr><td style="width:150px" align=center>'''शैल अग्रवाल'''</td><td valign=top>इस भगीरथ आनन्द लहरी के बारे में क्या लिखूं, कविता कोष वाकई में काव्य प्रेमियों की विश्रामस्थली बन चुका है...दस्तक दो और मित्र हाजिर की भांति सूर तुलसी कबीर से लेकर नीरज और बशीर बद्र तक बच्चन, निराला फैज किस किस का नाम लूं, करीब-करीब सभी तो बस एक क्लिक अवे ! यह बहुमूल्य कविता कोष का खजाना यूं ही दिन दूना और रात चौगुना बढ़ता रहे, इन्ही अशेष शुभकामनाओं के साथ
</td></tr>
==इला कुमार==
कविता कोश से परिचित होना हिन्दी कविता के संदर्भ में इकीसवीं सदी के कवि-स्वप्न से रूबरू होने जैसा है; कम से कम मुझे तो ऐसा ही अनुभव हो रहा है।<br><br>
अंग्रेज़ी शब्दों के महाजाल के बीच स्थित कम्प्यूटर का अनजाना सा दिखनेवाला पर्दा जब अचानक महादेवी वर्मा, अज्ञेय, दुष्यंत कुमार इत्यादि की रचनाओं की दीप्ती तले कौंधने लगता है और विनोद कुमार शुक्ल, अरुण कमल आदि की रचनाओं को प्रस्तुत करने लगता है तो मन में हिन्दी कविता के प्रति आश्वस्ती सी जागती है। सुकून और तसल्ली की लहर हृदय को छूती है, दिलासा देती है कि हिन्दी कविता कहीं न कहीं वयव्यथा के बीच मौजूद है और शायद ऐसे ही आगे भी बनी रहेगी, स्वयं को बनाये रख पाएगी। ये तय है की कविता कोश स्वयं को और अधिक प्रतिष्ठापूर्वक स्थापित कर पाएगा यदि विज्ञान के तीव्र क़दमों के बीच हिन्दी के फ़ॉन्ट को भी ढंग से नियोजित किया जाए।<br><br>
शुभकामनाएँ।<brtr>कविता कोश के लिये!<brtd style="width:150px" align=center>कविता कोश का प्रथम स्वप्न देखने वाले के लिये!'''रचना श्रीवास्तव'''<br/td><td valign=top>महान कवियों की अनमोल कविताओं का अनोखा संग्रह है कविता कोश टीम .जब से सम्बंधित सभी लोगों जाना है दिन में एक बार तो जरूर ही कविता कोश में विचरण करती हूँ जितना देखती हूँ उतना ही कविताओं के लिये।इस महासागर में. डूबती जाती हूँ . भगवान से प्रर्थना है की ये यूँ ही उन्नति पथ पे चढता रहे निखरता रहे सवरता रहे और रहती दुनिया तक आपनी वर्षगांठ मनाता रहे.<br><br>
''कवियों की रचनाओं से परिचय करवाता कविता कोश'--इला कुमार'<br>''कविताओं का विशाल सागर है ये कविता कोश''<br>''एक व्यक्ति नही पूरी टीम का प्रयास है कविता कोश''<br>''हो बधाई सब को जिसने भी सजाया कविता कोश''<br>''कवि प्रेमियों का बसेरा है ये कविता कोश''<br></td></tr>
<tr><td style="width:150px" align=center>[[चित्र:Bhavna_kunwar.jpg|100px]]<br>'''डॉ० [[भावना कुँवर]]'''</td><td valign=top>कविता कोश नामक इस साइट ने हिन्दी-जगत को जो अनूठा उपहार प्रदान किया है वह एक निश्चित ही सराहनीय है। इस साइट ने हिन्दी काव्य के हर पहलू एवं अतीत से वर्तमान तक से सभी साहित्यकारों के परिचय एवं उनके साहित्य को दिये योगदान को एक श्रृंखला में पिरोया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि कविता कोश दिन-रात अमर बेल की तरह बढ़ता रहे।<br><br></td></tr>
<tr><td style="width:150px" align=center>[[चित्र:Rameshwer_dayal_kamboj.jpg|100px]]<br>'''[[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]'''</td><td valign=top>कविताकोश विश्व के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अपनी जिस प्राचीन धरोहर को हम प्रिंट माध्यम से सँजोने एवं लोगों तक पहुँचाने में असमर्थ थे; इस कोश के माध्यम से दूर–दराज़ तक पहुँचा सकेंगे एवं हिन्दी समझने वालों को जोड़ सकेंगे। इससे हिन्दी काव्य का फ़लक विस्तृत एवं व्यापक होगा।</td></tr>
==डॉ० भावना कुअँर==
कविता कोश नामक इस साइट ने हिन्दी-जगत को जो अनूठा उपहार प्रदान किया है वह एक निश्चित ही सराहनीय है। इस साइट ने हिन्दी काव्य के हर पहलू एवं अतीत से वर्तमान तक से सभी साहित्यकारों के परिचय एवं उनके साहित्य को दिये योगदान को एक श्रृंखला में पिरोया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि कविता कोश दिन-रात अमर बेल की तरह बढ़ता रहे।<br><br>
शुभकामनाओं <tr><td style="width:150px" align=center>[[चित्र:ila_kumar.JPG|100px]]<br>'''[[इला कुमार]]'''</td><td valign=top>कविता कोश से परिचित होना हिन्दी कविता के साथसंदर्भ में इकीसवीं सदी के कवि-स्वप्न से रूबरू होने जैसा है; कम से कम मुझे तो ऐसा ही अनुभव हो रहा है।<br><br>अंग्रेज़ी शब्दों के महाजाल के बीच स्थित कम्प्यूटर का अनजाना सा दिखनेवाला पर्दा जब अचानक महादेवी वर्मा, अज्ञेय, दुष्यंत कुमार इत्यादि की रचनाओं की दीप्ती तले कौंधने लगता है और विनोद कुमार शुक्ल, अरुण कमल आदि की रचनाओं को प्रस्तुत करने लगता है तो मन में हिन्दी कविता के प्रति आश्वस्ती सी जागती है। सुकून और तसल्ली की लहर हृदय को छूती है, दिलासा देती है कि हिन्दी कविता कहीं न कहीं वयव्यथा के बीच मौजूद है और शायद ऐसे ही आगे भी बनी रहेगी, स्वयं को बनाये रख पाएगी। ये तय है की कविता कोश स्वयं को और अधिक प्रतिष्ठापूर्वक स्थापित कर पाएगा यदि विज्ञान के तीव्र क़दमों के बीच हिन्दी के फ़ॉन्ट को भी ढंग से नियोजित किया जाए।<br><br> शुभकामनाएँ।<br>कविता कोश के लिये!<br>कविता कोश का प्रथम स्वप्न देखने वाले के लिये!<br>कविता कोश टीम से सम्बंधित सभी लोगों के लिये।<br><br></td></tr>
'''--डॉ० [[भावना कुँवर]]'''<br/table>