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सदस्य आगत शुक्ल 8020 द्वारा प्रेषित
कविता कोश के लिए डाटा
'''नाम माधव शुक्ल‘मनोज’'''उपनाम मनोज जन्म 1 अक्टूबर 1930 सागर,मध्यप्रदेश, भारत कार्यक्षेत्र अध्यापक, कवि, लेखक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राष्ट्रीयता भारतीय भाषा हिन्दी बोली बुन्देली काल आधुनिक काल विधा हिन्दी और बुन्देली कविता, डायरी लेखन विषय ग्राम्य जीवन, साहित्यक जीवन की मौलिक अभिव्यक्ति आन्दोलन राष्ट्रीय एकता सद्भावना यात्रा प्रमुख कृतियां एक नदी कण्ठी-सी
नीला बिरछा,धुनकी
टूटे हुए लोगों के नगर में
मैं तुम सब
इनसे प्रभावित सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, धूमिल, केदारनाथ सिंह, समकालीन हरिवंशरायबच्चन, बालकृष्ण शार्मा नवीन, सोहनलाल द्धिवेदी, नार्गाजुन, त्रिलोचन शास्त्री, बशीर बद्र हस्ताक्षर
सी-13, सेक्टर-1, अवन्ति विहार, रायपुर
'''पुरस्कार एवं सम्मानः'''
1984 शिक्षकों का राष्ट्रीय सम्मान 1984 मध्यप्रदेश शासन का शिक्षक पुरस्कार 1992 मध्यप्रदेश साहित्य परिषद् भोपाल द्वारा ‘ ईसुरी ’ पुरस्कार। 1995 बुन्देलखण्ड अकादमी छतरपुर द्वारा ‘ श्री प्रवणानन्द ’ पुरस्कार। 2000 मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा ‘अक्षर आदित्य’ सम्मान, भोपाल 2000 अभिनव कला परिषद भोपाल द्वारा ‘ अभिनव शब्द शिल्पी ’ की उपाधि से सम्मानित।
'''प्रमुख कृतियां'''हिन्दी कविता
1953 सिकता कण, 1956 भोर के साथी, 1960 माटी के बोल(बुन्देली), 1965 एक नदी कण्ठी-सी, 1992 नीला बिरछा, 1992 धुनकी रुई पे पौआ( बुन्देली ), 1992 टूटे हुए लोगों के नगर में, 1992 जिन्दगी चन्दन बोती है, 1992 षड़यंत्रों के हाथ होते हैं-कई हजार, 1997 जब रास्ता चैराहा पहन लेता है, 2000 मैं तुम सब, 2001 एक लंगोटी बारो गांधी जी पर लोक शैली में गीत(बुन्देली और हिन्दी),
'''अनुवाद''' 1994 मध्यप्रदेश संस्कृत अकादेमी, भाषान्तर कवि समवाय द्वारा प्रकाशित काव्य संग्रह में संस्कृत में अनुवाद
'''हिन्दी लेखन डायरी''' '''लोक संस्कृति''' '''गद्य पुस्तकें''' राजा हरदौल बुन्देला(बुन्देली नाटक)बुन्देलखण्ड के संस्कार गीत(आदिवासी लोक कला परिषद्,भोपाल द्वारा प्रकाशित) एक अध्यापक की डायरी (मध्यप्रदेश संदेश में धारावाहिक प्रकाशित)
'''लोक संगीत रूपक''' बेला नटनी (बुन्देली संगीत रूपक)(आकाशवाणी छतरपुर से प्रसारित) नौरता (बुन्देली संगीत रूपक)(आदिवासी लोक कला परिषद्,भोपाल द्वारा प्रकाशित)
बुन्देलखण्ड के लोक नृत्य राई पर शोध-मानोग्राफ(आदिवासी लोक कला परिषद द्वारा प्रकाशन)
'''माधव शुक्ल मनोज की रचनाएं'''
माधव शुक्ल मनोज की इन अनमोल कृतियों के संकलन पर आपका स्वागत है।
कविताओं,की सूची नीचे दी गई है। पढ़िये और आनंद लीजिए।
'''बुन्देली कविता'''
1 मामुलिया, -नीला बिरछा, माधव शुक्ल‘मनोज‘
2 झर गई चम्पा झर गई बेला, -नीला बिरछा,माधव शुक्ल‘मनोज‘
3 हीरा बीनें कीरा, -नीला बिरछा, माधव शुक्ल‘मनोज‘
4 बेला फूले आधी रात, -नीला बिरछा,माधव शुक्ल‘मनोज‘
5 मन में उमंग भरे चैता के ढ़ोल बजे, -नीला बिरछा,माधव शुक्ल‘मनोज ‘
'''हिन्दी कविता'''
6 कब से यूं भटक रहे भूले से शहर में,-जिन्दगी चंदन बोती है,माधव शुक्ल ‘मनोज‘
7 हाय जिन्दगी तू पहाड़ पर चंदन बोती है, -जिन्दगी चंदन बोती है,माधव शुक्ल‘मनोज‘
8 एक क्षण रात का हुआ दिया एक दिन सूरज होकर जिया,- माधव शुक्ल‘मनोज‘
9 छोटी सी नाव चले, -माधव शुक्ल‘मनोज‘
10 वह छोटा सा गांव, -भोर के साथी, माधव शुक्ल‘मनोज‘
11 एक नदी कंण्ठी सी,- एक नदी कंण्ठी सी,माधव शुक्ल‘मनोज‘
12 चिल्लाता है जनमन..-टूटे हुए लोगांे के नगर में!एक नदी कंण्ठी सी@माधव शुक्ल‘मनोज‘
13 इबारत आदमी की, -टूटे हुए लोगों के नगर में, माधव शुक्ल‘मनोज‘
14 गंध के पहाड़