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*[[तुम कौन पिकी-सी रही बोल (दशम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[भीख स्नेह की सजल नयन कितनी ही माँगे (एकादश सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[कहीं मरीचियाँ कढ़ीँ, कहीं दिनांत हो गया (पंचम सर्ग) / गुलाब खंडेलवाल]]