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ज्ञान और विज्ञान कौन वह जिससे विश्व विजित है?
मुझे सिंह की गहन गुफा में घुसकर लड़ना होगा
दह में धँस कर धँसकर कालिय के मस्तक पर चढ़ना होगा
मुक्ति नहीं, पिँजरे में पक्षी कितना भी पर मारे
बिना युक्ति के राम न मिलते, कोई लाख पुकारे’
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